मशरूम की खेती से करोड़ों रुपया कैसे कमाए । “मशरूम के उत्पादन में आनेवाली प्रमुख समस्याओं को समझें और समाधान के साथ उन्नत खेती करें”

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…विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी अपना प्यार ए”मशरूम के उत्पादन में आनेवाली प्रमुख समस्याओं को समझें और समाधान के साथ उन्नत खेती करें”मशरूम उत्पादन आज कृषि का एक महत्वपूर्ण और लाभकारी क्षेत्र बन चुका है। यह कम जगह और न्यूनतम निवेश में अच्छी आय प्रदान कर सकता है। लेकिन, किसानों को इसमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं को समझकर और उनका समाधान ढूंढकर मशरूम उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।

मशरूम उत्पादन में उपयोग होने वाले बीज (स्पॉन) की गुणवत्ता महत्वपूर्ण होती है। कई बार किसान खराब गुणवत्ता वाले बीज का उपयोग करते हैं, जिससे उत्पादन प्रभावित होता है। समाधान:प्रमाणित संस्थानों से बीज खरीदें। बीज को खरीदने से पहले उसकी ताजगी और स्रोत की जांच करें।यदि संभव हो, तो स्वयं स्पॉन उत्पादन के लिए प्रशिक्षण लें।

2. पर्यावरणीय परिस्थितियों का प्रबंधनसमस्या:

मशरूम की खेती के लिए तापमान, आर्द्रता और वायुवीजन जैसे पर्यावरणीय कारकों का सटीक नियंत्रण आवश्यक है। इनका उचित प्रबंधन न होने से उत्पादन कम हो सकता है। समाधान: मशरूम हाउस को थर्मल इंसुलेशन से तैयार करें।आर्द्रता बनाए रखने के लिए पानी का स्प्रे और वेंटिलेशन सिस्टम का उपयोग करें। तापमान नियंत्रित करने के लिए हीटर या कूलर का उपयोग करें।

3. रोग और कीट प्रबंधनसमस्या:

मशरूम की फसलों में फफूंदजनित रोग, बैक्टीरिया संक्रमण और कीटों का हमला उत्पादन को नष्ट कर सकता है। समाधान: फसल चक्र (क्रॉप रोटेशन) अपनाएं ।दो फसल के बीच में मशरूम कक्ष की खूब अच्छे से सफाई करें।उत्पादन क्षेत्र और उपकरणों को नियमित रूप से साफ रखें।जैविक नियंत्रण का उपयोग करें। संक्रमण से बचाव के लिए उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।

4. कच्चे माल की अनुपलब्धतासमस्या:

मशरूम उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल, जैसे गेहूं का भूसा, लकड़ी का बुरादा और अन्य सामग्री की कमी कई बार समस्याएं उत्पन्न करती है। समाधान: स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री का उपयोग करें। कच्चे माल को संरक्षित करने के तरीके सीखें। कच्चे माल का उपयोग कुशलता से करें।

5. बाजार और विपणन की समस्याएंसमस्या:

मशरूम उत्पादकों को कई बार अपने उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिलता है। इसके अलावा, विपणन की कमी के कारण उत्पाद खराब हो जाते हैं। समाधान: स्थानीय बाजार और होटल के साथ संपर्क स्थापित करें। मशरूम के प्रसंस्कृत उत्पाद, जैसे अचार, सूप और पाउडर तैयार करें।ऑनलाइन विपणन प्लेटफॉर्म का उपयोग करें।

6. आर्थिक और वित्तीय समस्याएंसमस्या:

मशरूम की खेती के लिए प्रारंभिक निवेश और समय-समय पर पूंजी की आवश्यकता होती है, जो छोटे किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। समाधान: सरकारी योजनाओं और अनुदानों का लाभ उठाएं।सहकारी समितियों का गठन करें।बैंक से कृषि ऋण प्राप्त करें।

7. तकनीकी जानकारी का अभावसमस्या:

कई किसानों को मशरूम उत्पादन की उन्नत तकनीकों और प्रबंधन विधियों की जानकारी नहीं होती। समाधान: प्रशिक्षण और कार्यशालाओं में भाग लें। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और कृषि विश्वविद्यालयों , ICAR के हॉर्टिकल्चर आधारित संस्थानों से संपर्क करें। मशरूम उत्पादन पर आधारित पुस्तकों और ऑनलाइन संसाधनों का अध्ययन करें।

8. स्टोरेज और परिवहन की समस्याएंसमस्या:

मशरूम जल्दी खराब हो जाते हैं। स्टोरेज और परिवहन की सुविधा न होने पर यह समस्या और बढ़ जाती है। समाधान: कोल्ड स्टोरेज की सुविधा का उपयोग करें। मशरूम को तुरंत प्रसंस्कृत उत्पादों में बदलें। ज़परिवहन के दौरान उचित पैकिंग करें।

9. सामाजिक स्वीकार्यतासमस्या:

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कई क्षेत्रों में मशरूम को लेकर सामाजिक भ्रांतियां और गलतफहमियां हैं, जिससे इसकी मांग कम हो सकती है। जैसे कही कही पर इसे गोबर छत्ता कहते है । कुछ लोगों की मान्यता है की यह मांसाहारी भोज्य पदार्थ है । यह दोनों गलत है । समाधान: मशरूम के पोषण और स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाएं।स्थानीय समुदाय को मशरूम की उपयोगिता के बारे में शिक्षित करें।

10. अनुसंधान और विकास का अभावसमस्या:

मशरूम उत्पादन के नए और उन्नत तरीकों के लिए अनुसंधान का अभाव है। समाधान: सरकार और निजी क्षेत्र को अनुसंधान और विकास में निवेश बढ़ाना चाहिए। उत्पादकों को नए शोध और प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।

सारांश मशरूम की खेती में समस्याएं अवश्य हैं, लेकिन सही तकनीक, उचित प्रशिक्षण और सही संसाधनों के उपयोग से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। किसानों को जागरूकता और प्रबंधन कौशल के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। यदि इन समस्याओं पर सही समय पर ध्यान दिया जाए, तो मशरूम की खेती न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी बल्कि कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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