खेत में सोना बनकर उगेगा गेहूं पछेती गेहूं पछेती गेहूं 5 वैरायटी की खेती कैसे करें ।

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किसान भाइयों ऐसे तो आप गेहूं जरुर लगाते होगे लेकिन गेहूं कभी पछेती जितना उपज देती है । उतना कोई नहीं देगा । ऐसे हम आपको 5 वैरायटी पछेती गेहूं का बताएंगे । जिसे लगा कर आप अच्छा कमा सकते हैं । ऐसे इस साल गेहूं का सीजन अच्छा गया है 7% जर्मिनेशन है जो की बहुत अच्छा है ऐसे गेहूं में बहुत सारा वैरायटी ऐसा है जो पश्चेति लगाया जा सकता है । इसका बुआई 15 dec के बाद भी कर सकते है । WR 544 जिसे पूसा गोल्डन गेहूं कहा जाता है ।यदि किसी कारणवश बुवाई नहीं कर पाए तो इसके बाद सिर्फ WR- 544 किस्म की खेती करें। इस किस्म को पूसा गोल्डन के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे पचेटी गेहूं के लिए आपको बीज की मात्रा थोड़ा ज्यादा देना पड़ेगा । 40 kg के बदले 50 kg use करना पड़ेगा। ऐसे आप कोई भी वैरायटी की खेती करें । तो पहले उसे उपचारित जरुर कर ले । सामान्यतः गेहूं में बीज उपचार के लिए बीटा वैक्स या बैविस्टीन 02 ग्राम प्रति किलो से उपचारित किया जाता है. इसके अलावा रैक्सिल 01 ग्राम प्रति किलो थायमेथोक्सम (क्रूजर) 02 मिली प्रति किलो बीज और एजोटोबैक्टर और पीएसबी 4 पैकेट (200 ग्राम के) प्रति 40 किलो ग्राम बीज उपचारित कर सकते हैं. 6.0 से 7.5 के बीच पीएच वाली अच्छी जल निकासी उपयुक्त होने वाली दोमट मिट्टी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है। कार्बनिक पदार्थों का उच्च स्तर भी फायदेमंद हो सकता है। 60kg नाइट्रोजन, 40 kg फास्फोरस और पोटेशियम का बुवाई से पहले 30 केजी पोटाश स्तेमाल यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है कि आपकी फसल अच्छी शुरुआत करेऐसे आप मिट्टी का जांच जरूर करवा ले । कितना कौन चीज का मात्रा उसमें हैं । कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी गेहूं की ये किस्म, 112 दिन में 75 क्विंटल तक पैदावार होती है । ये बढ़ या घट भी सकती हैं।

जिसे आप पछेती गेहूं में लगा सकते हैं । सबौर निर्जल (बीआरडब्ल्यू 3723) गेहूं बंजर असिंचित भूमि में भी लगाया जा सकता है। पछेती गेहूं में बीज की मात्रा थोड़ा ज्यादा दिया जाता है । उसमें सिंचाई की जरूरत कम होती है। क्योंकि इसे पानी उतरने के बाद ही लगाया जाता है । मिट्टी में हल्की नमी चाहिए। बिना सिंचाई यह 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देता है। आप अगर सिंचाई करते है । 120 से 130 दिन में तैयार हो जाएगा । तो सिंचाई होने पर यह 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देगा। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से मध्य दिसंबर तक इसकी बुवाई की जा सकती है। जाड़े में अधिक बारिश होने की स्थिति में भी पौधे नहीं गिरेंगे। इस वेराइटी की खोज मुख्य वैज्ञानिक डॉ. नीतीश डे ने की है।

सबौर समृद्धि (बिआरडब्लू 3708

)आप पूरे उत्तर भारत में लगा सकते हैं ।

सबौर समृद्धि (बीआरडब्ल्यू 3708) सिंचित क्षेत्र में लगने वाली वेराइटी है। यह 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है। इसे 10 नवंबर से 15 दिसंबर तक लगाना अधिक लाभकारी है। हालांकि 10 दिसंबर तक भी इसे लगाया जा सकता है। 125 से 135 दिनों यह तैयार होता है। दाना पुष्ट रोटी सबसे अच्छा होती है। इसका पौधा मध्यम होता है, लेकिन कल्ले सबसे अधिक निकलने के कारण उपज सबसे अधिक देता है। इसकी खोज बीएयू के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. नीतीश डे ने की है।

सबौर श्रेष्ठ (बीआरडब्ल्यू 934 )

ये आप जरुर गेहूं भारत में लगाए । वर्षा पर खेती की निर्भरता के कारण कई जिलों में देर से धान की कटनी होती है, ऐसे में खेत खाली रह जाता है। अब इन खेतों में

लगाया जा सकता है। 15 से 31 दिसंबर या 5 जनवरी तक लगाया जा सकता है। इसकी उपज क्षमता 40 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसकी रोटी स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि इसमें प्रोटीन जिंक की मात्रा भी अधिक है। पछुआ हवा से नहीं गिरेगा दो कतारों के बीच हो कम से कम 18 सेंटीमीटर का अंतरगेहूं की बिजाई हमेशा कतारों में करें। सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन से बिजाई करें और पछेती बिजाई में दो कतारों का अंतर 18 सेमी रखें। धान-गेहूं फसल चक्रवाले क्षेत्रों में धान की कटाई के बाद गेहूं की बिजाई बिना जुताई किए जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन से करें।मिट्टी की जांच के आधार पर ही खेत में खाद डालनी चाहिए।

अधिक पैदावार के लिए सिंचित दशा में क्रमशः शुद्ध नत्रजन, फास्फोरस व पोटास की मात्रा 60, 24 व 12 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें।इससे समय की बचत होती है व जुताई का खर्च भी कम होता है। जिन क्षेत्रों में मंडूसी के प्रति प्रतिरोधकता आ गई है वहां पर दो लीटर पैंडीमैथालिन के साथ पायरोक्सा सल्फोन 60 ग्राम, 150 से 200 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के तुरंत बाद प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे करें।

:यांत्रिकीकरण भी उस पैमाने पर नहीं है, जैसा अपने पंजाब, हरियाणा या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोग खेती करते हैं. वहां बड़े पैमाने पर लोग खेती करते हैं और आधुनकि खेती करते हैं. उन लोगों की खेती व्यापारिक दृष्टिकोण से होती है. वहां के लोग खेती को भी उद्योग का दर्जा देकर काम कर रहे हैं. ।

गेहूं का 5 वैरायटी जरुर 2024 में लगाए

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